Biology 12th VVI Questions part – 01 (जैव प्रौद्योगिकी एवं उसके उपयोग)
Q.1. बायोपाइरेसी किसे कहते हैं ?
उत्तर – मल्टीनेशनल कम्पनियों व दूसरे संगठनों द्वारा किसी राष्ट्र या उससे सम्बन्धित लोगों से बिना व्यवस्थित अनुमोदन वे क्षतिपूरक के जैव संसाधनों का उपयोग करना बायोपाइरेसी कहलाता है।
Q.2. ‘पारजीनी जन्तु क्या हैं? पारजीनी जन्तुओं के उत्पादन की एक मुख्य विधि का उल्लेख कीजिए।
उत्तर – ऐसे जन्तु जिनके DNA में परिचालन विधि द्वारा एक अतिरिक्त जीन व्यवस्थित कर दिया जाता है तथा जो अपना लक्षण भी व्यक्त करता है, पारजीनी जन्तु कहलाते हैं।
पारजीनी जन्तुओं को रिकॉम्बीनेन्ट DNA तकनीक द्वारा विजातीय जीन को प्रवेश कराकर आनुवंशिक रूप से रूपान्तरित किया जाता है।
Q.3. असमजात डी०एन०ए० पुनर्संयोजन को परिभाषित कीजिए तथा स्थान-परिवर्ती (ट्रांसपोसॉन) या जम्पिंग जीन्स को समझाइए।
उत्तर –
- असमजात डी0एन0ए0 पुनर्संयोजन – इस प्रकार के पुनर्संयोजन में एक गुणसूत्र का कोई खण्ड इससे पृथक् होकर किसी अन्य असमजात गुणसूत्र से जुड़ता है।
- स्थान-परिवर्ती या जम्पिंग जीन्स – कोशिकाओं में स्थित DNA अणुओं के ऐसे जीनरूपी खण्ड जो अणु के एक स्थान से हटकर अन्य स्थान पर जुड़ते रहते हैं और इस प्रकार DNA अणुओं का पुनसँयोजन करते रहते हैं, स्थान-परिवर्ती या जम्पिंग जीन्स कहलाते हैं।
Q.4. प्रकृति में समजात डी०एन०ए० का पुनर्योजन कहाँ और कैसे होता है ?
उत्तर – प्रकृति में समजात डी०एन०ए० का पुनर्योजन डी०एन०ए० के समजात अणुओं या इन अणुओं के समजात खण्डों के बीच होता है। ये निम्नलिखित प्रक्रियाओं द्वारा होता है –
- पारगमने
- संयुग्मन
- रूपान्तरण
- पारक्रमण
- स्थान परिवर्तन।
Q.5. क्या हमारे रक्त में प्रोटिओजेज तथा न्यूक्लिएजेज हैं ?
उत्तर – नहीं |
Q.6. गोल्डन राइस (गोल्डन धान) क्या है ?
उत्तर – गोल्डन राइस (ओराइजा सैटाइवा) जैव प्रौद्योगिकी द्वारा उत्पन्न चावल की एक किस्म है। इस किस्म के चावल में बीटा कैरोटीन (प्रो-विटामिन A) पाया जाता है जो कि जैव संश्लेषित है। सन् 2005 में गोल्डन राइस-2 की एक और किस्म तैयार की गई जिसमें 23 गुना अधिक बीटा केरोटीन होता है।
Q.7. तेल के रसायनशास्त्र तथा r-DNA तकनीक के बारे में आपको जितना भी ज्ञान प्राप्त है, उसके आधार पर बीजों से तेल हाइड्रोकार्बन हटाने की कोई एक विधि सुझाइए |
उत्तर – ग्लिसरॉल के एक अणु के साथ तीन वसीय अम्लों के संघनन द्वारा तेल बनता है। वसीय अम्ल एक एंजाइम संकर द्वारा बनते हैं जिसे वसीय अम्ल सिन्थेटेज कहते हैं। एक या ज्यादा जीन बनाने वाले वसीय अम्ल की निष्क्रियता वसीय अम्लों का संश्लेषण रोक सकती है। प्लेवट् टोमेटो में एंजाइम पॉलीग्लेक्टोमूटेनेज की निष्क्रियता से जुड़ा होता है। यह बिना तेल वाले बीज उत्पन्न करेगा।
Q.8. पारजीनी जीवाणु क्या है ?
उत्तर – जब किसी इच्छित लक्षण वाली जीन (gene) को जीवाणु के जीनोम में प्रविष्ट कराकर कोई उत्पादन प्राप्त किया जाता है तो विदेशी जीन युक्त जीवाणु को पारजीनी जीवाणु (transgenic bacteria) कहते हैं।
Q.9. बीटी (Bt) आविष के रवे कुछ जीवाणुओं द्वारा बनाये जाते हैं, लेकिन जीवाणु स्वयं को नहीं मारते हैं, क्यों ?
उत्तर – क्योंकि आविष निष्क्रिय होता है।
Q.10. क्राई प्रोटीन्स क्या हैं ? उस जीव का नाम बताइए जो इसे पैदा करता है। मनुष्य इस प्रोटीन को अपने फायदे के लिए कैसे उपयोग में लाता है ?
उत्तर – क्राई प्रोटीन एक विषाक्त प्रोटीन है जो cry gene द्वारा कोड की जाती है। क्राई प्रोटीन्स कई प्रकार के होते हैं, जैसे- जो प्रोटीन्स जीन क्राई 1 ऐ०सी० वे क्राई 2 ए० बी० द्वारा कूटबद्ध होते हैं, वे कपास के मुकुल कृमि को नियन्त्रित करते हैं, जबकि क्राई 1 ए० बी० मक्का छेदक को नियन्त्रित करता है।
क्राई प्रोटीन बेसिलस थुरिनजिएंसिस (Bt) द्वारा बनता है। इसके निर्माण को नियन्त्रित करने वाले जीन को क्राई जीन कहते हैं, जैसे—क्राई 1 ए० वी०, क्राई 1 ए० सी०, क्राई 11 ए० वी०। यह जीवाणु प्रोटीन को एन्डोटॉक्सिन के रूप में प्रोटॉक्सिन क्रिस्टलीय अवस्था में उत्पन्न करता है।
दो क्राई (cry) जीन कॉटन (Bt कॉटन) में डाले जाते हैं, जबकि एक कॉर्न (Bt कॉर्न) में डाला जाता है। जिसके परिणामस्वरूप Bt कॉटन बॉलवार्म के लिए प्रतिरोधक बन जाता है, जबकि Bt कॉर्न प्रतिरोधकता-कॉर्नबोर के लिये विकसित करता है।